Saturday 11 July 2015

Inter Distic Transfer Policy


शिक्षकों के होंगे अंतर जिला तबादले

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : हरियाणा में अब मौलिक शिक्षा विभाग में मुख्याध्यापकों, प्राथमिक शिक्षकों और सीएंडवी अध्यापकों के अंतर जिला तबादले हो सकेंगे। सरकार ने अंतर जिला स्थानांतरण नीति का प्रारूप तैयार कर लिया है। शिक्षकों और जिला शिक्षा अधिकारियों से 15 दिन में नीति पर आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं। अभी तक विभाग में नियमित आधार पर कार्यरत जिला संवर्ग के शिक्षकों, मुख्याध्यापकों, प्राथमिक शिक्षकों व सीएंडवी को सामान्य तबादले के तहत जिले से बाहर नहीं भेजा जा सकता था। इससे शिक्षकों को परिस्थितियों के कारण बड़ी कठिनाई हो रही थी।1शिक्षकों की दिक्कतों और लंबे समय से चली आ रही मांग को देखते हुए अंतर जिला स्थानांतरण नीति तैयार की गई है। नीति को अंतिम रूप देने के बाद निर्धारित मापदंडों के अनुसार शिक्षकों के ट्रांसफर जिलों से बाहर भी किए जाएंगे। चूंकि अभी बड़ी संख्या में शिक्षक शुरू में आवंटित जिलों में ही सेवाएं दे रहे हैं। ये उनके गृह जिले नहीं हैं, इससे उन्हें रोजाना कई किलोमीटर दूर सेवाएं देने जाना पड़ता है। सभी शिक्षकों को पारस्परिक (म्यूचुअल) स्थानांतरण के लिए प्रफार्मा ‘क’ और अन्य श्रेणियों के लिए प्रफार्मा ‘ख’ में आवेदन करना होगा। ये विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। शिक्षकों को आवेदन जमा कराने की अंतिम तिथि से पहले अपने आवेदन जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को प्रेषित करने होंगे। जिन्हें संबंधित आहरण एवं वितरण अधिकारियों द्वारा सत्यापित किया जाएगा। ऐसे शिक्षकों की वरिष्ठता नए जिले में संबंधित काडर में सबसे नीचे निर्धारित की जाएगी। दोनों शिक्षकों को अपने आवेदन के साथ यह शपथपत्र संलग्न करना होगा कि वे अपने पूर्व जिले की वरिष्ठता छोड़ने के लिए तैयार हैं। 1स्थानांतरण के लिए आवदेन करते समय शिक्षक अधिकतम दो जिलों का विकल्प दे सकते हैं। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के स्तर पर किसी भी आधार पर आवेदन को रद नहीं किया जाएगा। निदेशालय ही इस पर निर्णय लेगा। नए जिले में सेवा ग्रहण करने पर सभी अध्यापकों के अंतर जिला स्थानांतरण को नए जिले में स्थानांतरण आधार पर नियुक्ति माना जाएगा। नए जिले में खाली पद उपलब्ध न होने पर अध्यापकों के आवदेन निरस्त कर दिए जाएंगे।

अन्तर-जिला स्थानांतरण नीति का प्रारूप तैयार 

चंडीगढ़, 9 जुलाई- हरियाणा सरकार ने मौलिक शिक्षा विभाग में नियमित आधार पर मुख्य अध्यापकों, प्राथमिक अध्यापकों तथा क्लासिकल एवं वर्नाकुलर टीचर्स के लिए एक अन्तर-जिला स्थानांतरण नीति का प्रारूप तैयार किया है।
मौलिक शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि विभाग में नियमित आधार पर कार्यरत जिला संवर्ग के अध्यापक अर्थात मुख्य अध्यापक/प्राथमिक अध्यापक तथा सी एण्ड वी अध्यापकों को सामान्य स्थानांतरण के तहत उनके जिले से बाहर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता और वे अपनी पूरी सेवा के लिए उन्हें आवंटित किये गए जिलों में ही रहेंगे। यद्यपि, कुछ अध्यापक अपनी विषम परिस्थितियों के कारण बड़ी कठिनाई का सामना कर रहे हैं। इसलिए विभाग द्वारा अन्तर-जिला स्थानांतरण के लिए यह नीति का प्रारूप तैयार किया गया है। इस नीति पर अध्यापक संघों तथा जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से 15 दिन के भीतर आपत्तियां एवं सुझाव मांगे हैं।
इस उन्होंने बताया कि यदि नये जिले में सम्बंधित श्रेणी अर्थात सामान्य/अनुसूचित जाति/पिछड़ा वर्ग में रिक्ति है तो विभाग में केवल नियमित आधार पर कार्यरत जिला संवर्ग के अध्यापक अर्थात मुख्य अध्यापक/प्राथमिक अध्यापक तथा सी एण्ड वी अध्यापक अन्तर-जिला स्थानांतरण के लिए पात्र होंगे, बशर्ते कि वे इस नीति में वर्णित अन्य सभी नियम व शर्तें पूरी करते हों। प्रवक्ता ने बताया कि 

अन्तर-जिला स्थानांतरण के लिए पात्र अध्यापकों के आवेदनों पर नीचे दी गई प्राथमिकता के आधार पर विचार किया जाएगा

क एक ही श्रेणी/संवर्ग में पारस्परिक (म्यूचुअल) स्थानांतरण।
क शारीरिक रूप से अक्षम अध्यापकों या ऐसे अध्यापकों, जिनके बच्चे शारीरिक रूप से अक्षम (70 प्रतिशत या इससे अधिक) हैं। इस आशय का चिकित्सा प्रमाण-पत्र पण्डित भगवत दयाल शर्मा पीजीआईएमएस, रोहतक या स्नाकोत्तर चिकित्सा विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान, चंडीगढ़ या अखिल भारतीय चिकित्सा विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान (एम्स), दिल्ली चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी किया होना चाहिए।
क विधवा तथा कानूनन तलाकशुदा महिला अध्यापक जिन्होंने पुनर्विवाह नहीं किया है। विधवा को अपने पति के मृत्यु प्रमाण-पत्र की स्वसत्यापित प्रति तथा तलाकशुदा महिला अध्यापक को अपने आवेदन के साथ न्यायालय द्वारा पारित निर्णय/आदेश की सत्यापित प्रति अपने आवेदन के साथ संलग्न करनी होगी।
क जानलेवा बीमारियों अर्थात कैंसर/एड्स इत्यादि या गंभीर क्रोनिक बीमारी से पीडि़त अध्यापकों, जिन्हें विशेष चिकित्सा उपचार तथा अपने पारिवारिक सदस्यों की निरन्तर देखभाल की आवश्यकता है, इन रोगों/बीमारियों के लिए पण्डित भगवत दयाल शर्मा पीजीआईएमएस, रोहतक या स्नाकोत्तर चिकित्सा विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान, चंडीगढ़ या अखिल भारतीय चिकित्सा विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान (एम्स), दिल्ली द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण-पत्रों पर विचार किया जाएगा। किसी अन्य बीमारी/रोग पर विचार नहीं किया जाएगा। जिन अध्यापकों के बच्चे/पति/पत्नी ऐसी बीमारियों/रोगों से पीडि़त हैं, उन पर भी इस श्रेणी के तहत विचार किया जाएगा। इस श्रेणी के तहत आवेदन पर केवल तभी विचार किया जाएगा यदि इसके साथ ऊपर वर्णित प्राधिकारियों द्वारा जारी किया गया चिकित्सा प्रमाण-पत्र होगा।
क अविवाहित महिला अध्यापक। इन अध्यापकों को आवेदन भरते समय अपने अविवाहित होने का शपथ-पत्र देना होगा।
क प्रतिरक्षा/अर्धसैनिक बलों अर्थात थलसेना, नौसेना, वायुसेना, सीमा सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल इत्यादि में सेवारत कर्मचारियों/अधिकारियों की पत्नियां। इन अध्यापकों को उन विभागों/कार्यालयों, जिनमें उनके पति कार्यरत हैं, के प्रभारी अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र संलग्न करना होगा, जिसमें उनकी नियुक्ति/तैनाती का विवरण देना होगा।
क ऐसी महिला मुख्याध्यापक/प्राथमिक अध्यापक तथा सी एण्ड वी अध्यापक, जिनके पति हरियाणा सरकार के अन्य विभागों के जिला संवर्ग में या हरियाणा के स्कूल शिक्षा विभाग के तहत अन्य जिलों में नियुक्त हैं। इन अध्यापकों को उस विभाग/कार्यालय, जिसमें उनके पति कार्यरत हैं, के प्रभारी अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र संलग्न करना होगा, जिसमें उसकी नियुक्ति/तैनाती का विवरण देना होगा।
क ऐसी महिला मुख्याध्यापक/जेबीटी तथा सी एण्ड वी अध्यापक, जिनका विवाह इस विभाग में आने के बाद हुआ है, उस जिले में स्थानांतरण करवा सकती हैं जहां उनके पति/ससुरालजन रहते हैं। इन अध्यापकों को अपनी शादी के सम्बंध में शपथ-पत्र देना होगा तथा सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी अपने पति/ससुरालजनों के आवास का प्रमाण-पत्र भी संलग्न करना होगा।
क ऐसी सभी महिला मुख्याध्यापक/जेबीटी तथा सी एण्ड वी अध्यापक, जिनके पति हरियाणा (राज्य संवर्ग) के किसी अन्य विभाग या हरियाणा सरकार के बोर्ड, निगम, विश्वविद्यालय, नगर निगम, नगर परिषद्, नगर पालिकाओं में नियमित आधार पर किसी अन्य जिले में कार्यरत हैं। इन अध्यापकों को उस विभाग/कार्यालय, जिसमें उनके पति कार्यरत हैं, के प्रभारी अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र संलग्न करना होगा, जिसमें उसकी नियुक्ति/तैनाती का विवरण देना होगा।
उन्होंने कहा कि सभी महिला मुख्याध्यापक/जेबीटी/सी एण्ड वी अध्यापक जिनके पति हरियाणा में स्थित केन्द्र सरकार के विभागों/कार्यालयों या केन्द्र सरकार के बोर्डों/निगमों/विश्वविद्यालयों में कार्यरत हैं। उन्हें उनके पति के कार्यालय के प्रभारी अधिकारी द्वारा जारी प्रमाणपत्र संलग्न करना होगा। इसके अतिरिक्त, सभी महिला मुख्याध्यापक/जेबीटी/सी एण्ड वी अध्यापक जिनके पति हरियाणा में बहुराष्टï्रीय कम्पनियों या आईटी कम्पनियों में कार्यरत हैं, उन्हें ऐसी कम्पनियों के प्रबंधन द्वारा जारी कम्पनी का कार्य प्रमाणपत्र संलग्न करना होगा।
सभी पुरूष मुख्याध्यापक/प्राथमिक अध्यापक/सी एण्ड वी अध्यापक जिनकी पत्नियां हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग के तहत अन्य जिलों में कार्यरत हैं तथा सभी पुरूष एचटी/जेबीटी/सी एण्ड वी शिक्षक जिनकी पत्नियां हरियाणा सरकार के अन्य विभागों के जिला काडर में नियमित आधार पर कार्यरत हैं। उन्हें अपनी पत्नियों के विभाग या कार्यालय के प्रभारी अधिकारी द्वारा जारी प्रमाणपत्र संलग्न करना होगा। इसीप्रकार, सभी पुरूष एचटी/पीआरटी/सी एण्ड वी शिक्षक, जिनकी पत्नियां हरियाणा (राज्य काडर) के किसी अन्य विभाग या हरियाणा सरकार के बोर्डों/निगमों/विश्वविद्यालयों या हरियाणा के नगर निगम/नगर परिषद/नगर पालिकाओं में नियमित आधार पर दूसरे जिले में कार्यरत हैं,उन्हें भी ऐसा ही प्रमाणपत्र अपने आवेदन के साथ संलग्न करना होगा। इसके पश्चात किसी भी अन्य महिला अध्यापक तथा फिर पुरूष अध्यापक से आवेदन पर विचार किया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि सभी शिक्षकों को पारस्परिक (म्यूचुअल) स्थानांतरण के लिए प्रफार्मा 'क' और अन्य श्रेणियों के लिए प्रोफार्मा 'ख' में आवेदन करना होगा। ये प्रोफार्मा विभाग की वैबसाइट www.harprathmik.gov.in पर उपलब्ध हैं। शिक्षकों को आवेदन जमा कराने की अंतिम तिथि से पहले अपने आवेदन जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को प्रेषित करने होंगे, जिन्हें संबंधित आहरण एवं वितरण अधिकारियों द्वारा सत्यापित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पारस्परिक अंतर-जिला स्थानांतरण के आवेदनों को दोनों आहरण एवं वितरण अधिकारियों द्वारा सत्यापित किया जाएगा और दोनों जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों में से किसी एक को भेजा जाएगा। पारस्परिक अंतर-जिला स्थानांतरण के नियम एवं शर्तों के अनुसार दोनों शिक्षकों को आवेदन करने की अंतिम तिथि से पूर्व प्रोफार्मा 'एÓ में आवेदन करना होगा।
उन्होंने बताया कि ऐसे शिक्षकों की वरिष्ठïता नए जिले में संबंधित काडर में सबसे नीचे निर्धारित की जाएगी। दोनों शिक्षकों को अपने आवेदन के साथ यह शपथपत्र संलग्न करना होगा कि वे अपने पूर्व जिले की वरिष्ठïता छोडऩे के लिए तैयार हैं और नये जिले में सबसे नीचे अपनी नई वरिष्ठïता के लिए सहमत हैं। इसके अतिरिक्त, वे पहले जिले में की गई सेवा के आधार पर अपनी वरिष्ठïता का दावा नहीं करेंगे। नये जिले में सेवा ग्रहण करने पर पहले जिले से स्वत: ही उनका 'लियनÓ समाप्त हो जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। सेवा ग्रहण करने के समय उन्हें नए जिले के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को भी ऐसे शपथपत्र देने होंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि पारस्परिक स्थानांतरण नये जिलों में सेवा ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी माना जाएगा। किसी भी एक शिक्षक द्वारा निर्धारित अवधि के भीतर कार्यभार ग्रहण न करने पर दोनों शिक्षकों की नियुक्ति या स्थानांतरण को स्वत: रद्द माना जाएगा तथा दोनों को अपने पूर्व स्थल पर ही सेवा ग्रहण करनी होगी। उन्होंने बताया कि अंतर- जिला स्थानांतरण के लिए आवदेन करते समय शिक्षक अधिकतम दो जिलों का विकल्प दे सकते हैं।
उन्होंने बताया कि सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा निर्धारित मानदण्डों के अनुसार आवेदन पत्रों की जांच करने के उपरांत प्रस्ताव या मैरिट लिस्ट की तीन प्रतियां तैयार करेंगे तथा उन्हें निदेशालय को भेजी जाएंगी। इनके साथ उनके जिलों में उपलब्ध एचटी/जेबीटी/सी एण्ड वी शिक्षकों की उपलब्ध श्रेणीवार रिक्ति सूची भी भेजनी अनिवार्य होगी। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के स्तर पर किसी भी आधार पर आवेदन को रद्द किया या रोका नहीं जाएगा। हालांकि, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा नियमित आधार पर कार्यरत एचटी/जेबीटी/सी एण्ड वी शिक्षकों के अलावा किसी भी अन्य काडर के शिक्षकों से अंतर-जिला स्थानांतरण के आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत प्रोबेशन पर चल रहे जेबीटी/सी एण्ड वी अध्यापक भी आवेदन के पात्र होंगे। बहरहाल, उन्हें नए जिले में नए सिरे से अपना प्रोबेशन पूरा करना होगा। नए जिले में सेवा ग्रहण करने पर सभी अध्यापकों के अंतर जिला स्थानांतरण को नए जिले में स्थानांतरण आधार पर नियुक्ति माना जाएगा। नीति के तहत, स्थानांतरण आधार पर एक ही तिथि को दो या दो से अधिक अध्यापकों के नियुक्त होने पर उनके पूर्व जिले में उनकी नियुक्ति की तिथि के आधार पर उनकी वरिष्ठïता निर्धारित की जाएगी। पूर्व जिले में नियुक्ति की तिथि एक होने पर भर्ती एजेंसी द्वारा जारी की गई संयुक्त मैरिट लिस्ट के आधार पर वरिष्ठïता निर्धारित की जाएगी। नए जिले में उन से संबंधित श्रेणी अर्थात आरक्षित या सामान्य वर्ग में स्वीकृत पद की उपलब्धता पर ही अंतर जिला स्थानांतरण के आवेदनों पर विचार किया जाएगा। नए जिले में रिक्ति उपलब्ध न होने पर अध्यापक के आवदेन को रद्द कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यदि शिक्षक द्वारा आवेदन के साथ दी गई कोई भी जानकारी या जमा किए गए दस्तावेज किसी भी स्तर पर गलत पाए जाते हैं तो उसका आवेदन रद्द कर दिया जाएगा। यदि अंतर जिला स्थानांतरण आदेश पहले ही जारी किए जा चुके हैं तो इन आदेशों को वापिस ले लिया जाएगा और अध्यापक अपने पुराने जिले में कार्य ग्रहण करने के लिए बाध्य होगा।
क्रमांक - 2015

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